Wed, Dec 04, 2024 | Updated 01:21 IST
रोगन आर्ट: पारंपरिक कला, आज के दौर में भी बेमिसाल
Dec 04, 2024
मिलिए कच्छ, गुजरात के रोगन आर्ट विशेषज्ञ कारीगर अशीष कांतिलाल और अब्दुल गफूर खत्री परिवार से, जो इस प्राचीन कला को जीवित रखे हुए हैं। रोगन आर्ट में कैस्टर ऑयल से बने रंगों का उपयोग कर कपड़ों पर हाथ से बारीक डिज़ाइन बनाए जाते हैं। अब्दुल गफूर को इस कला के संरक्षण के लिए 2019 में पद्म श्री से सम्मानित किया गया। कच्छ के निरोणा और गांधी नू गांव अपनी पारंपरिक हस्तकला, जैसे रंगीन शीशे का काम, स्टोल, स्कर्ट, हैंडबैग और ज्वेलरी के लिए प्रसिद्ध हैं। 2001 के भूकंप के बाद पुनर्जीवित गांधी नू कला प्रेमियों का खजाना है।