गुजरात का सफर: कचरे से ऊर्जा बनाने की नई पहल

Jan 07, 2025

गुजरात, जो दूध क्रांति के लिए प्रसिद्ध है, अब पशुओं की मदद से स्थायी ऊर्जा का उपयोग कर रहा है। स्वच्छ भारत ग्रामीण मिशन के तहत, पिछले दो वर्षों में गोबरधन योजना के जरिए 7, 400 से ज्यादा व्यक्तिगत बायोगैस प्लांट स्थापित किए गए हैं। यह पहल भारत सरकार के स्वच्छ भारत-ग्रामीण के अंतर्गत की गई है। राज्य सरकार की सक्रिय भागीदारी और केंद्रीय योजना के मजबूत ढांचे के साथ, बायोगैस संयंत्र न केवल कचरे का प्रबंधन कर रहे हैं, बल्कि पारंपरिक जलाने वाले ईंधन जैसे लकड़ी की जगह भी ले रहे हैं, जिससे गांवों में अंदरूनी वायु प्रदूषण और सांस की बीमारियों में कमी आई है, जैसे कि दाहोद के लिमखेड़ा तहसील के मंडली गांव में। इसके अलावा, बायो-प्रोडक्ट, जैविक स्लरी, एक उच्च गुणवत्ता वाला उर्वरक के रूप में काम करती है, जो कृषि उत्पादन में वृद्धि करती है।