माधवपुर मेले की तैयारियां तेज़, गुजरात और पूर्वोत्तर की विरासत का दिखेगा अनूठा मेल
Mar 31, 2025
माधवपुर, गुजरात का एक सुंदर समुद्री गाँव है, जो इतिहास और पौराणिक कथाओं से जुड़ा है। माना जाता है कि यही वह स्थान है जहाँ भगवान कृष्ण ने पूर्वोत्तर भारत के अरुणाचल प्रदेश की राजकुमारी रुक्मिणी से विवाह किया था। इसी कथा को हर साल भव्य माधवपुर मेले में मनाया जाता है। 2025 का मेला, जो 6 से 10 अप्रैल तक होगा, अब तक का सबसे खास होने वाला है, और इसकी तैयारियां ज़ोरों पर हैं। 1,600 कलाकार—800 गुजरात से और 800 पूर्वोत्तर भारत से—भव्य आयोजन से पहले अलग-अलग शहरों में प्रस्तुति देने के लिए सानंद फ्लेमिंगो रिज़ॉर्ट में अभ्यास कर रहे हैं। मेले में लोक नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी। गुजरात युवा सेवा एवं सांस्कृतिक गतिविधि विभाग और गुजरात पर्यटन द्वारा आयोजित यह मेला गुजरात और पूर्वोत्तर भारत के बीच सांस्कृतिक सेतु का काम करता है। पारंपरिक कला, कथा-वाचन और आध्यात्मिक प्रस्तुतियों के साथ, यह भारत की समृद्ध विरासत को करीब से दिखाने का प्रयास करता है। गुजरात सरकार ने इस साल के आयोजन को यादगार बनाने के लिए बड़े कदम उठाए हैं। अपनी खूबसूरत समुद्री किनारे और रंगारंग उत्सवों के साथ, माधवपुर मेला एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक आकर्षण बना हुआ है। 2025 का मेला भारत की विविध विरासत का भव्य प्रदर्शन होगा।