Fri, Nov 22, 2024 | Updated 11:54 IST
गुजरात का डेयरी सेक्टर ग्रामीण क्षेत्र को दे रहा है मजबूती
Nov 22, 2024
गुजरात के खेड़ा जिले के महुदा तालुका स्थित रूप्पुरा गाँव के अधिकांश लोग किसान और पशुपालक हैं, जिनके पास गाय-भैंस हैं जो अच्छा दूध देती हैं। यहां के छोटे किसान दूध का व्यवसाय करते हैं, खासकर जिनके पास कम या कोई ज़मीन नहीं है। गुजरात ने सहकारी डेयरी मॉडल अपनाया, जिसमें किसान अपना दूध सहकारी समितियों में जमा करते हैं, जो फिर डेयरी में जांच के बाद बड़े प्लांट्स में भेजा जाता है। इस पारदर्शी प्रक्रिया से किसानों को उनका सही दाम मिलता है। गुजरात का सहकारी मॉडल 1942 में शुरू हुआ और 2001 में नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री बनने के बाद इसमें और सुधार हुआ, जैसे बुनियादी ढांचा, तकनीकी उन्नति और महिलाओं का सहयोग। वर्तमान में 18,164 गाँवों की 36 लाख किसानों से जुड़ी समितियाँ 215 लाख लीडर दूध का प्रबंधन करती हैं और ₹80,000 करोड़ का कारोबार करती हैं। गुजरात आज देश में दूध उत्पादन में शीर्ष पर है।